भारत का प्राचीन इतिहास (India's Ancient Past)
Price: 425.00
ISBN:
9789354977510
Publication date:
08/03/2023
Paperback
406 pages
Price: 425.00
ISBN:
9789354977510
Publication date:
08/03/2023
Paperback
406 pages
राम शरण शर्मा
Edited by देवशंकर नवीन & धर्मराज कुमार
यह पुस्तक भारत के प्राचीन इतिहास का एक विस्तृत और सिलसिलेवार ब्योरा प्रस्तुत करती है। पुस्तक में इतिहास लेखन के स्वरूप, महत्त्व, स्रोतों पर चर्चा की गई है। यह अपने कालक्रम में सभ्यताओं के उदय और उनकी स्थितियों का विश्लेषण करती है।
Rights: World Rights
राम शरण शर्मा
Edited by देवशंकर नवीन & धर्मराज कुमार
Description
यह पुस्तक भारत के प्राचीन इतिहास का एक विस्तृत और सिलसिलेवार ब्योरा प्रस्तुत करती है। पुस्तक में इतिहास लेखन के स्वरूप, महत्त्व, स्रोतों पर चर्चा की गई है। यह अपने कालक्रम में सभ्यताओं के उदय और उनकी स्थितियों का विश्लेषण करती है, साथ ही धर्म और संप्रदायों की निर्मिति, साम्राज्यों के उत्थान और पतन को रेखांकित करती है। पुस्तक में आर्य संस्कृति और उसकी विशेषताओं पर चर्चा की गई है और सभ्यताओं के उदय की भौगोलिक परिस्थितियों और समुदायों के भाषाई स्वरूप के इतिहास का वर्णन भी किया गया है। ऐतिहासिक तौर पर यह नवपाषाण युग, ताम्रयुग और वैदिक काल के साथ-साथ हड़प्पा सभ्यता की विशेषताओं को साक्ष्यों के साथ प्रस्तुत करती है। लेखक ने जैन और बौद्ध धर्म के उद्भव और प्रसार के बारे में भी विस्तार से चर्चा की है। राज्यों के बनने की प्रक्रिया और उनके विस्तार के कारकों को भी पुस्तक अपने भीतर समेटती है। मगध और क्षेत्रीय शासकों के उदय से लेकर मौर्य साम्राज्य, सातवाहन, गुप्त और हर्षवर्धन के शासन काल के विविध आयामों की चर्चा भी की गई है। यह मध्य-एशियाई
क्षेत्रों में शासकों के विस्तार और बाहरी संपर्कों के प्रभाव को भी दर्शाती है। लेखक ने ऐतिहासिक स्थितियों में वर्ण-व्यवस्था, नगरीकरण, वाणिज्य और व्यापार के साथ विज्ञान, दर्शन और सांस्कृतिक स्थितियों जैसे महत्वपूर्ण आयामों की चर्चा इस पुस्तक में की है। यह पुस्तक प्राचीन भारत से मध्ययुगीन भारत तक की पूरी प्रक्रिया और कालक्रम को प्रस्तुत करती है। इस लिहाज से यह प्राचीन भारत की एक समग्र रूपरेखा प्रस्तुत करती है। जिसके जरिए हम भारतीय समाज के निर्माण की प्रक्रिया को समझ सकते हैं। यह इतिहास में रुचि रखने वाले विद्यार्थियों, शिक्षकों और आम पाठकों के लिए बेहद महत्वपूर्ण और एक अनिवार्य पुस्तक है।
राम शरण शर्मा (1919-2011) ख्याति प्राप्त इतिहासकार रहे हैं। वे पटना विश्वविद्यालय
में इतिहास विभाग के प्रोफेसर थे। वे भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के
संस्थापक अध्यक्ष भी रहे।
अनुवादक
देवशंकर नवीन जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ लैंग्वेज के भारतीय भाषा
केन्द्र में प्रोफेसर हैं।
धर्मराज कुमार पीजीडीएवी कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय के अंग्रेजी भाषा विभाग में
असिस्टेंट प्रोफेसर हैं।
राम शरण शर्मा
Edited by देवशंकर नवीन & धर्मराज कुमार
Description
यह पुस्तक भारत के प्राचीन इतिहास का एक विस्तृत और सिलसिलेवार ब्योरा प्रस्तुत करती है। पुस्तक में इतिहास लेखन के स्वरूप, महत्त्व, स्रोतों पर चर्चा की गई है। यह अपने कालक्रम में सभ्यताओं के उदय और उनकी स्थितियों का विश्लेषण करती है, साथ ही धर्म और संप्रदायों की निर्मिति, साम्राज्यों के उत्थान और पतन को रेखांकित करती है। पुस्तक में आर्य संस्कृति और उसकी विशेषताओं पर चर्चा की गई है और सभ्यताओं के उदय की भौगोलिक परिस्थितियों और समुदायों के भाषाई स्वरूप के इतिहास का वर्णन भी किया गया है। ऐतिहासिक तौर पर यह नवपाषाण युग, ताम्रयुग और वैदिक काल के साथ-साथ हड़प्पा सभ्यता की विशेषताओं को साक्ष्यों के साथ प्रस्तुत करती है। लेखक ने जैन और बौद्ध धर्म के उद्भव और प्रसार के बारे में भी विस्तार से चर्चा की है। राज्यों के बनने की प्रक्रिया और उनके विस्तार के कारकों को भी पुस्तक अपने भीतर समेटती है। मगध और क्षेत्रीय शासकों के उदय से लेकर मौर्य साम्राज्य, सातवाहन, गुप्त और हर्षवर्धन के शासन काल के विविध आयामों की चर्चा भी की गई है। यह मध्य-एशियाई
क्षेत्रों में शासकों के विस्तार और बाहरी संपर्कों के प्रभाव को भी दर्शाती है। लेखक ने ऐतिहासिक स्थितियों में वर्ण-व्यवस्था, नगरीकरण, वाणिज्य और व्यापार के साथ विज्ञान, दर्शन और सांस्कृतिक स्थितियों जैसे महत्वपूर्ण आयामों की चर्चा इस पुस्तक में की है। यह पुस्तक प्राचीन भारत से मध्ययुगीन भारत तक की पूरी प्रक्रिया और कालक्रम को प्रस्तुत करती है। इस लिहाज से यह प्राचीन भारत की एक समग्र रूपरेखा प्रस्तुत करती है। जिसके जरिए हम भारतीय समाज के निर्माण की प्रक्रिया को समझ सकते हैं। यह इतिहास में रुचि रखने वाले विद्यार्थियों, शिक्षकों और आम पाठकों के लिए बेहद महत्वपूर्ण और एक अनिवार्य पुस्तक है।
राम शरण शर्मा (1919-2011) ख्याति प्राप्त इतिहासकार रहे हैं। वे पटना विश्वविद्यालय
में इतिहास विभाग के प्रोफेसर थे। वे भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के
संस्थापक अध्यक्ष भी रहे।
अनुवादक
देवशंकर नवीन जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ लैंग्वेज के भारतीय भाषा
केन्द्र में प्रोफेसर हैं।
धर्मराज कुमार पीजीडीएवी कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय के अंग्रेजी भाषा विभाग में
असिस्टेंट प्रोफेसर हैं।
Overreach: How China Derailed Its Peaceful Rise
Susan L. Shirk
The History of Urban Form of India
Pratyush Shankar
The Oxford History of the Holy Land
Edited by Robert G. Hoyland and H. G. M Williamson
The Oxford History of the World
Edited by Felipe Fernández-Armesto
Capitalist Peace: A History of American Free-Trade Internationalism
Thomas W. Zeiler
Cold War Exiles and the CIA (now in paperback)
Benjamin Tromly
The Seven Wonders of the Ancient World
Michael Denis Higgins

