भारतीय गणतंत्र का अभ्युदय

1950 का दशक

Price: 575.00 

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ISBN:

9780190131562

Publication date:

04/02/2022

Hardback

208 pages

197x130mm

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04/02/2022

Hardback

208 pages

त्रानेष कुदेसिया & अवधेश त्रिपाठी (अनुवादक)

यह पुस्तक आज़ादी के बाद के दशकों के घटनाक्रमों का एक संतुलित और आलोचनात्मक विवरण पेश करती है। पुस्तक, स्वतंत्र भारत के सामने मौजूद बड़ी चुनौतियों को सामने रखते हुए उन वर्षों में आए राजनीतिक विचारों, प्रक्रियाओं और चुने हुए रास्तों पर रोशनी डालती है।

Rights:  World Rights

त्रानेष कुदेसिया & अवधेश त्रिपाठी (अनुवादक)

Description

यह पुस्तक आज़ादी के बाद के दशकों के घटनाक्रमों का एक संतुलित और आलोचनात्मक विवरण पेश करती है। पुस्तक, स्वतंत्र भारत के सामने मौजूद बड़ी चुनौतियों को सामने रखते हुए उन वर्षों में आए राजनीतिक विचारों, प्रक्रियाओं और चुने हुए रास्तों पर रोशनी डालती है।

इस पुस्तक के जरिए हम यह समझ सकते हैं कि भारत, विभाजन की असमान प्रक्रिया से कैसे उबरा, राजनीतिक मानचित्र का पुनर्निर्माण की रूपरेखा किस तरह तैयार की गई, लोकतांत्रिक संस्थाओं ने अपना सफर कैसे शुरू किया और धारा 370 के अंतर्गत विशेष राज्य को दर्जा कैसे मिला तथा हम इस बात को भी जान सकते हैं कि यहाँ वे कौन से मुद्दे थे जिससे धर्मनिरपेक्ष भारत बनाम 'हिंदू राष्ट्र' पर चर्चाएँ हुईं, नागरिकता कानून पर बहसें शुरू हुईं और हिंदी भाषा के विवादों बाद राजभाषा का दर्जा मिला और आर्थिक नीतियों की महत्वाकांक्षाओं को अंजाम देने के लिए योजना आयोग किस तरह बनाया गया।

यह किताब प्रामाणिक ऐतिहासिक सामग्रि के गहन शोध के बाद स्वतंत्रक 'हंस' ने लिखी गई है। यह इस प्रकार पाठकों का आकर्षित करेगी जो आज़ादी क बाद क भारत निर्माण की प्रक्रिया में रुचि रखते हैं।

त्रानेष कुदेसिया नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर में एसोसिएट प्रोफेसर व समकालीन भारतीय इतिहास क विशेषज्ञ हैं।

अवधेश त्रिपाठी हिंदी क आलोचक, अनुवादक और प्राध्यापक हैं।

भारत चित्र मंदिर द्वारा तैयार किया गया है। इसका सचित्र अंश सुलिलत कल्पना भारत क संविधान 1949 क संस्करण से लिया गया है।

त्रानेष कुदेसिया & अवधेश त्रिपाठी (अनुवादक)

त्रानेष कुदेसिया & अवधेश त्रिपाठी (अनुवादक)

त्रानेष कुदेसिया & अवधेश त्रिपाठी (अनुवादक)

त्रानेष कुदेसिया & अवधेश त्रिपाठी (अनुवादक)

Description

यह पुस्तक आज़ादी के बाद के दशकों के घटनाक्रमों का एक संतुलित और आलोचनात्मक विवरण पेश करती है। पुस्तक, स्वतंत्र भारत के सामने मौजूद बड़ी चुनौतियों को सामने रखते हुए उन वर्षों में आए राजनीतिक विचारों, प्रक्रियाओं और चुने हुए रास्तों पर रोशनी डालती है।

इस पुस्तक के जरिए हम यह समझ सकते हैं कि भारत, विभाजन की असमान प्रक्रिया से कैसे उबरा, राजनीतिक मानचित्र का पुनर्निर्माण की रूपरेखा किस तरह तैयार की गई, लोकतांत्रिक संस्थाओं ने अपना सफर कैसे शुरू किया और धारा 370 के अंतर्गत विशेष राज्य को दर्जा कैसे मिला तथा हम इस बात को भी जान सकते हैं कि यहाँ वे कौन से मुद्दे थे जिससे धर्मनिरपेक्ष भारत बनाम 'हिंदू राष्ट्र' पर चर्चाएँ हुईं, नागरिकता कानून पर बहसें शुरू हुईं और हिंदी भाषा के विवादों बाद राजभाषा का दर्जा मिला और आर्थिक नीतियों की महत्वाकांक्षाओं को अंजाम देने के लिए योजना आयोग किस तरह बनाया गया।

यह किताब प्रामाणिक ऐतिहासिक सामग्रि के गहन शोध के बाद स्वतंत्रक 'हंस' ने लिखी गई है। यह इस प्रकार पाठकों का आकर्षित करेगी जो आज़ादी क बाद क भारत निर्माण की प्रक्रिया में रुचि रखते हैं।

त्रानेष कुदेसिया नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर में एसोसिएट प्रोफेसर व समकालीन भारतीय इतिहास क विशेषज्ञ हैं।

अवधेश त्रिपाठी हिंदी क आलोचक, अनुवादक और प्राध्यापक हैं।

भारत चित्र मंदिर द्वारा तैयार किया गया है। इसका सचित्र अंश सुलिलत कल्पना भारत क संविधान 1949 क संस्करण से लिया गया है।